जिस लड़की की मृत्यु हुई और फोटो वायरल है वो भारत की “बाइसिकल गर्ल” ज्योति नहीं है.
सोशल मीडिया पर पोस्ट बड़ी आसानी से वायरल हो जाती है और तब तो ज्यादा होती है जब पोस्ट में किसी का फोटो हाल ही में टीवी या अखबार में आया हो ।
ट्विटर , व्हाट्सअप और फेसबुक पर यह पोस्ट बहुत ही तेजी से वायरल होने लगी जिसमें दावा किया जा रहा है की यह दिल्ली से दरभंगा जानेवाली १५ वर्ष की ज्योति पासवान है जिसकी चर्चा कुछ दिनों पहले अखबारों ,इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मिडिया पर हुयी थी .
ऐसी ही एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि
“क्या लिखूं, स्तब्ध हूँ, अब सभी नेता भी #ज्योति_पासवान के साथ ही मर गए शायद
ज्योति_कुमारी
JusticeforJyoti
Banti Kalpi
Justice #for #jyoti
ज्योति_पासवान_1
जी हां यही वो नाम है जो आज से करीब दो महीने पहले अमेरिका की प्रिंसेज के ट्विटर हैंडल पर चमका था।
यहां-वहां जहां-तहां दरभंगा का जिक्र होते ही ज्योति पासवान का नाम पहले आ जाता था, हर बिहारी के ट्विटर, फेसबुक हैंडल पर बस ज्योति और उसके पिता की वो साइकिल वाली तस्वीरें लग गई थी, इक पूरा मीडिया शेल उसके पीछे लगी, सांसद, विधायकों का तो मानो पूरा मजमा लगे गया था उस बच्ची के पीछे ,हर कोई उसे अपने पार्टी के झंडे के नीचे लाना चाहते थे, और उसका कारनामा भी क्या गज़ब था, सरकार की सब से बड़ी विफलता में उसने अपनी जीवन बड़ी सफलता हासिल कर ली थी। स्पोर्ट्स साइकिल से लेकर राजनतिक पार्टियों के चेक तक उसके आगे पीछे घूमता रहा…. वक़्त का पहिया थोड़ा आगे फिसला! इस बीच वर्चुअल रैलियां, चौपर यात्रा, और साइकिल रैलियां हुई!! और
आज 3 महीने बाद फिर से दरभंगा चर्चा में नाम भी वही #ज्योतिपासवान_2. आज किसी #अर्जुनमिश्रा के हवस शिकार हुई 15 बरस की #ज्योति_पासवान… और क्यों?? क्योंकि ज्योति उस अर्जुन मिश्रा के बगीचे में आम चुनने के लिए गई थी और ये बात एक सामंतवादी दिमाग़ को इतना ठेस पहुंचा गया कि उस अर्जुन मिश्रा ने अपने पत्नी के सामने ही पहले उस 15 बरस की बच्ची के साथ दुराचार किया और फिर हसिए से गले को रेत दिया!!
और ये एक अख़बार के छोटे से कोने की खबर बनकर रह गई! ना तो सोशल मीडिया पर #Justice_for_jyoti वाले हैशटैग का सैलाब आया, और ना ही हमारे ऑपिंडिया वाले सस्ते जॉनी डेप का धार्मिक उन्माद फैलाने वाली कोई सनसनीखेज रिपोर्ट!
कोई हरिजन ठिकेदार अपनी जूती में धूल लगा वहां आने से इंकार कर दिया
जय भीम जा भारत
डॉ जितेंद्र कुमार सरोज “
सच्चाई
लॉकडाउन के दौरान दिल्ली से दरभंगा साईकिल चलाकर जानेवाली ज्योति पासवान और वायरल फोटो में मृत ज्योति पासवान दोनों ही अलग अलग हैं, और साइकिल चलने वाली ज्योति अभी भी जिंदा है
दोनों के चेहरे से ही साफ़ दिखता है की दोनों एक लड़की नहीं है.
बाएं – ज्योति कुमारी जो साइकिल चलने के लिए जानी जाती है
दायें – ज्योति पासवान जिस बेचारी को मारा गया है
लल्लनटॉप का कहना है की न तो ज्योति की हत्या हुई ने ही बलात्कार हुआ, शव के पोस्ट मोर्टेम से पता चला की उसकी बिजली के करंट लगने से मौत हुई थी –
“बिहार का दरभंगा ज़िला. यहां का एक गांव. 1 जुलाई की सुबह गांव के एक बगीचे में एक नाबालिग लड़की का शव मिला. लड़की 12 साल की थी. दलित समुदाय से आती है. उसी गांव की रहने वाली थी. लड़की के घरवालों का आरोप था कि उनकी बेटी का रेप करके हत्या की गई है. उन्होंने पड़ोस में रहने वाले एक परिवार के ऊपर ये आरोप लगाए थे. लड़की के परिवार वालों का कहना था कि उनकी बेटी बगीचे में आम लेने गई थी, तभी उसका रेप करके हत्या की गई.
पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, लड़की की मौत करंट लगने से हुई है. दरअसल, आम के बगीचे के मालिक ने अपने पेड़ पर लगे आम को बचाने के लिए चारों तरफ से बिजली के तार लगा रखे थे. पुलिस की प्रारंभिक जांच में इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि करंट लगने की वजह से ज्योति की मौत हुई होगी, जो कि अब पोस्टमॉर्टम में साफ हो गया है.
जिस आदमी के ऊपर आरोप लगे थे वो सेना से रिटायर हुआ फौजी है. नाम अर्जुन मिश्रा है. उसके घर के पीछे के बगीचे से ही लड़की का शव मिला था. कहा जा रहा था कि आम के बगीचे से ज्योति आम तोड़ने गई होगी. और इसी दौरान बगीचे के मालिक ने उसके साथ बलात्कार करके उसकी हत्या कर दी.“
Times Of India ने जब ज्योति पासवान से व्हाट्सप्प पर संपर्क किया तो ज्योति ने अपनी नयी तस्वीर साझा की और कहा की वायरल फोटो अन्य लड़की की है।
मृत ज्योति पासवान के मामले में पुलिस जाँच कर रही है। मृत ज्योति पासवान की तस्वीर