Others

Sample Post 1’s title for testing purposes!

Spread the truth:

dainikbharat.org का कहना है कि @ArvindKejriwal ने कहा “हिंदुओं के बाप का हिंदुस्तान नहीं है” जबकि ये दो पंक्तियां है मशहूर कवि राहत इंदौरी की एक कविता से जिसमे उन्होंने लिखा है “किसी के बाप का” और जिसे इस वेबसाइट ने झूठ लिखा है “हिंदुओं के बाप का”

ये है पूरी कविता, आप खुद पढ़िए और मतलब निकालिये –
अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो

अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो जान थोड़ी है
ये सब धुआँ है कोई आसमान थोड़ी है

लगेगी आग तो आएँगे घर कई ज़द में
यहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है

मैं जानता हूँ के दुश्मन भी कम नहीं लेकिन
हमारी तरहा हथेली पे जान थोड़ी है

हमारे मुँह से जो निकले वही सदाक़त है
हमारे मुँह में तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है

जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे
किराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है

सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी में
किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है https://www.facebook.com/SMHoaxSlayer/photos/a.147357335599672.1073741828.140690692933003/427840867551316/?type=3


Spread the truth:

Hoax Slayer

SMHoaxSlayer is India's largest and oldest Fact Checker. Started in Aug 2015, it had debunked more than 2000 Fake News till now. Check more at smhoaxslayer.com/team

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *